बॉम्बे हाईकोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता अबू जुंदाल उर्फ सैयद जाबिउद्दीन के मुकदमे को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। अदालत ने सोमवार, 3 नवंबर 2025 को एक अहम आदेश में निचली अदालत द्वारा जारी उस निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें अधिकारियों को जुंदाल की गिरफ्तारी से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब अबू जुंदाल के खिलाफ लंबित मुकदमे की सुनवाई फिर से शुरू हो सकेगी। अदालत ने कहा कि निचली अदालत का आदेश कानूनी रूप से उचित नहीं था, क्योंकि जांच एजेंसियों ने पहले ही अभियोजन के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश किए हैं।
अबू जुंदाल, जिसे 26/11 मुंबई हमलों की साजिश में शामिल बताया गया है, को 2012 में सऊदी अरब से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। जांच एजेंसियों के अनुसार, वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था और उसने आतंकियों को हिंदी सिखाने के साथ-साथ हमले के दौरान नियंत्रण कक्ष से मार्गदर्शन भी दिया था।
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मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट के नवीनतम आदेश के बाद इस बहुचर्चित मामले में न्यायिक प्रक्रिया को फिर से गति मिलने की उम्मीद है, जिससे देश की सबसे बड़ी आतंकी घटनाओं में से एक का न्यायिक अध्याय आगे बढ़ सकेगा।
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