पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में पश्चिम बंगाल से गए प्रवासी मजदूरों को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया और इस पर गंभीर चिंता जताई।
दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई इस मुलाकात के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी का ध्यान उन घटनाओं की ओर दिलाया, जिनमें बंगाल के प्रवासी कामगारों के साथ कथित तौर पर अत्याचार और भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
चौधरी ने प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य की मतुआ समुदाय से जुड़ी चिंताओं को भी रखा। उनके अनुसार, हाल ही में पश्चिम बंगाल में संपन्न हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद मतुआ समुदाय के लोगों में यह आशंका है कि उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह समुदाय पहले से ही सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील स्थिति में है और ऐसी आशंकाएं उनके बीच डर का माहौल पैदा कर रही हैं।
और पढ़ें: मतदाता सूची में मृत घोषित होने पर टीएमसी नेता ने श्मशान में मांगे अपने अंतिम संस्कार
कांग्रेस नेता ने कहा कि मतदाता सूची से किसी भी योग्य नागरिक का नाम हटना लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि इस मामले में हस्तक्षेप कर यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी समुदाय के साथ अन्याय न हो और सभी पात्र नागरिकों के मताधिकार की रक्षा की जाए।
अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है और ऐसे समय में केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे सामाजिक सौहार्द बनाए रखें। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री इन मुद्दों को गंभीरता से लेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।
और पढ़ें: बंगाल में SIR ड्राफ्ट सूची जारी: 58 लाख से अधिक नाम हटे, चुनाव से पहले सियासी घमासान तेज