अफगानिस्तान में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप के बाद दो शक्तिशाली आफ्टरशॉक्स ने देश को एक बार फिर हिला दिया। अब तक इस आपदा में 2,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं।
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, ताजा झटका 5.4 तीव्रता का था और यह दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर दर्ज किया गया। यह आफ्टरशॉक 4 सितंबर 2025 की देर रात आए पहले झटके के कुछ ही घंटों बाद महसूस किया गया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, प्रभावित इलाकों में हजारों घर और इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं। बचाव टीमें लगातार राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन लगातार झटकों के कारण हालात और गंभीर हो रहे हैं। कई इलाकों तक पहुंचना कठिन हो गया है क्योंकि सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
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मानवीय संगठनों का कहना है कि भूकंप से बेघर हुए लोगों को अब सबसे ज्यादा जरूरत आवास, दवाइयों और स्वच्छ पानी की है। संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने मदद भेजनी शुरू कर दी है। हालांकि, राहत सामग्री दूरदराज़ के गांवों तक पहुंचाने में बड़ी चुनौतियाँ हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के लगातार आफ्टरशॉक्स यह संकेत देते हैं कि भूकंप का प्रभाव लंबे समय तक जारी रह सकता है। लोग अभी भी दहशत में हैं और बड़ी संख्या में खुले मैदानों और अस्थायी शिविरों में रात बिता रहे हैं।
अफगानिस्तान पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में यह प्राकृतिक आपदा वहां की मानवीय स्थिति को और अधिक जटिल बना रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान को मदद करने की अपील की है।
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