तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा फेरबदल देखने को मिला जब एआईएडीएमके (AIADMK) के बागी विधायक पी.एच. मनोज पांडियन ने मंगलवार (4 नवंबर 2025) को सत्तारूढ़ डीएमके (DMK) में शामिल होने की घोषणा की। उन्होंने यह कदम मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की मौजूदगी में अन्ना अरिवालयम, डीएमके के मुख्यालय में उठाया।
मनोज पांडियन ने कहा कि वह मंगलवार शाम को अपने विधायक पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि एआईएडीएमके की सदस्यता छोड़ने के बाद वे अब विधानसभा सदस्यता बनाए नहीं रख सकते, जैसा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People Act) के तहत निर्धारित है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मनोज पांडियन का डीएमके में शामिल होना ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हाल ही में ओ. पन्नीरसेल्वम को एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता के.ए. सेंगोट्टैयन का समर्थन मिला था, जिससे उनके गुट की स्थिति कुछ मजबूत हुई थी। लेकिन अब मनोज पांडियन के जाने से उनकी राजनीतिक ताकत को झटका लग सकता है।
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मनोज पांडियन, जो कभी एआईएडीएमके में एक सक्रिय नेता माने जाते थे, ने हाल के महीनों में पार्टी नेतृत्व से असहमति जताई थी। डीएमके में शामिल होकर उन्होंने कहा कि वे तमिलनाडु के विकास कार्यों और जनता के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व में काम करना चाहते हैं।
डीएमके नेताओं ने मनोज पांडियन का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनका अनुभव और जनसंपर्क पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।
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