पंजाब के सांसद और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव में असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से मतदान किया। अमृतपाल सिंह मार्च 2023 से जेल में बंद हैं।
जानकारी के अनुसार, अमृतपाल सिंह को प्रशासन की देखरेख में विशेष प्रावधानों के तहत मतदान की अनुमति दी गई। उन्होंने जेल परिसर में ही मतदान किया, जिसके लिए चुनाव आयोग और जेल प्रशासन ने आवश्यक सुरक्षा इंतज़ाम किए।
अमृतपाल सिंह, जिन्हें 2023 में पंजाब में चलाए गए व्यापक अभियान के बाद गिरफ्तार किया गया था, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ चरमपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने और सामाजिक शांति भंग करने के आरोप हैं।
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उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी भागीदारी ने राजनीतिक हलकों में नया संदेश दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती को दर्शाती है, जिसमें कैद में बंद सांसद भी अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग कर सकते हैं।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना को लोकतंत्र की ताकत बताया है, वहीं कुछ सत्तारूढ़ दलों से जुड़े नेताओं ने सवाल उठाए कि ऐसे व्यक्तियों को जेल से वोटिंग की अनुमति क्यों दी जाती है।
इसके बावजूद, अमृतपाल सिंह का मतदान यह दर्शाता है कि भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं सभी परिस्थितियों में सक्रिय रहती हैं और निर्वाचित प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हैं।
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