आंध्र प्रदेश में जैविक खेती (ऑर्गेनिक फार्मिंग) को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने अब तक 22,000 से अधिक किसानों (रैयतों) को प्रमाणित किया है। इस प्रमाणन से किसानों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पादों की बिक्री का अवसर मिला है।
अधिकारियों के अनुसार, प्रमाणित किसानों ने अब तक 1.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक प्रमाणित ऑर्गेनिक और गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिस (GAP) मानकों पर आधारित फसल का उत्पादन किया है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि आंध्र प्रदेश को स्थायी और पर्यावरण-हितैषी कृषि मॉडल के रूप में स्थापित करने में भी मदद मिली है।
राज्य सरकार का कहना है कि ऑर्गेनिक प्रमाणन से किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में सहायता मिली है। इसके साथ ही, यह पहल स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देती है। सरकार ने किसानों को तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और वित्तीय मदद उपलब्ध कराई है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप खेती कर सकें।
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कृषि विभाग का लक्ष्य आने वाले वर्षों में अधिक से अधिक किसानों को ऑर्गेनिक खेती में शामिल करना और उत्पादन क्षमता को दोगुना करना है। राज्य में कई जिलों में क्लस्टर-आधारित ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आंध्र प्रदेश को देश में ऑर्गेनिक उत्पादों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में उभार सकता है और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिला सकता है।
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