आंध्र प्रदेश के उप-लोकायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के भुगतान में मदद की है। यह कदम उस शिकायत के बाद उठाया गया, जिसमें भूमि मालिक पी. ओम शिवैया ने आरोप लगाया था कि उनकी भूमि को बैंगलुरु-कडपा-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारे (Economic Corridor) के लिए अधिग्रहित किया गया था, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, शिवैया ने उप-लोकायुक्त से शिकायत की थी कि जिला कलेक्टर और संबंधित अधिकारी मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में लापरवाही बरत रहे हैं। शिकायत में यह भी कहा गया कि अधिग्रहण के बाद कई महीने बीत जाने के बावजूद अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
शिकायत प्राप्त होने के बाद उप-लोकायुक्त ने मामले की जांच कराई और संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके परिणामस्वरूप, भूमि अधिग्रहण से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर मुआवजे की राशि का निर्धारण किया गया और भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई।
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अधिकारियों का कहना है कि उप-लोकायुक्त के हस्तक्षेप से यह मामला जल्दी सुलझ सका और अब शिकायतकर्ता को उनका वैधानिक मुआवजा मिल जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों में उप-लोकायुक्त जैसी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे प्रशासनिक देरी और लापरवाही को दूर कर आम नागरिकों को न्याय दिलाने में मदद करती हैं।
यह कदम उन अन्य भूमि मालिकों के लिए भी राहत का संकेत है, जिनकी जमीनें विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई हैं लेकिन मुआवजा समय पर नहीं मिला है।
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