व्यवसायी अनिल अंबानी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़ा है। ईडी ने अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया था ताकि कथित फर्जी ऋण आवंटन और वित्तीय अनियमितताओं की जांच में और जानकारी जुटाई जा सके।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला उन बैंकों से लिए गए हजारों करोड़ रुपये के ऋणों से संबंधित है जिनका भुगतान कथित रूप से नहीं किया गया और धन का दुरुपयोग हुआ। ईडी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन ऋणों का इस्तेमाल किन उद्देश्यों के लिए किया गया और क्या इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का कोई तत्व शामिल है।
अनिल अंबानी ने पूछताछ के दौरान अपनी तरफ से सभी सवालों का जवाब दिया और जांच में सहयोग का आश्वासन दिया। ईडी ने उनसे संबंधित दस्तावेज और वित्तीय लेनदेन के विवरण भी मांगे हैं।
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यह पहली बार नहीं है जब अंबानी परिवार किसी वित्तीय विवाद में जांच के दायरे में आया हो। इससे पहले भी कई मौकों पर विभिन्न वित्तीय संस्थाओं ने अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के ऋण डिफॉल्ट पर सवाल उठाए थे।
ईडी का कहना है कि यह कार्रवाई वित्तीय संस्थाओं के हितों की रक्षा और बड़े पैमाने पर हो रहे बैंक लोन धोखाधड़ी मामलों पर सख्ती बरतने के उद्देश्य से की जा रही है। मामले में आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और पूछताछ हो सकती है।
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