मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “एजेंसी हर हद पार कर रही है।” सुप्रीम कोर्ट की बेंच एक धनशोधन मामले की सुनवाई कर रही थी, जब CJI ने यह टिप्पणी की।
CJI ने कहा, “हमें देखना होगा कि एजेंसियां कैसे काम कर रही हैं। आज स्थिति यह हो गई है कि ED हर सीमा को लांघ रही है। यह गंभीर मसला है।”
हालांकि, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आग्रह किया कि कोर्ट को एजेंसी के खिलाफ कोई “सामान्य टिप्पणी” नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर किसी एक मामले में कुछ समस्या है, तो उसे उस खास मामले तक सीमित रखा जाए। पूरी संस्था पर टिप्पणी करने से गलत संदेश जाता है।”
यह टिप्पणी तब आई जब कोर्ट एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह आरोप है कि आरोपी को ईडी ने बिना उचित प्रक्रिया अपनाए ही गिरफ़्तार कर लिया।
CJI ने यह भी संकेत दिया कि अदालत ईडी की शक्तियों और उसकी जांच की पारदर्शिता को लेकर गहराई से विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि अदालत के सामने कई ऐसे मामले आ रहे हैं, जहां ईडी की भूमिका सवालों के घेरे में है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय आया है जब केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर लगातार आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।