ऑस्कर पुरस्कार विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान ने सोमवार (15 दिसंबर, 2025) को कहा कि आज के समय में शास्त्रीय संगीत कार्यक्रमों में युवाओं को आकर्षित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने यह बात चेन्नई में म्यूज़िक अकादमी के 99वें वार्षिक संगीत सम्मेलन और संगीत कार्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए कही।
ए.आर. रहमान ने कहा कि वह कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा श्रोताओं की उपस्थिति की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन दर्शक दीर्घा में अधिकतर लोग उनके ही आयु वर्ग के नजर आए। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है, लेकिन इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए नए तरीकों और दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
इस अवसर पर रहमान ने कहा कि आज के डिजिटल युग में युवाओं के पास मनोरंजन के कई विकल्प हैं, ऐसे में शास्त्रीय संगीत को उनके लिए प्रासंगिक और आकर्षक बनाना जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि तकनीक, नवाचार और रचनात्मक प्रस्तुति के जरिए शास्त्रीय संगीत को युवाओं के करीब लाया जा सकता है।
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कार्यक्रम के दौरान ए.आर. रहमान ने प्रसिद्ध वायलिन वादक आर.के. श्रीरामकुमार को एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार और नकद पुरस्कार भी प्रदान किया। श्रीरामकुमार वर्ष 2025 के लिए ‘संगीत कलानिधि’ के लिए नामित किए गए हैं।
रहमान ने कहा कि संगीत अकादमी जैसे संस्थान दशकों से भारतीय शास्त्रीय संगीत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में युवा कलाकार और श्रोता बड़ी संख्या में शास्त्रीय संगीत से जुड़ेंगे और इस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।
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