भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा में तैनात CISF की क्विक रिएक्शन टीमों (QRTs) को आतंकवाद रोधी अभियानों और ड्रोन हमलों से निपटने के लिए विशेष कमांडो प्रशिक्षण दे रही है। अधिकारियों के अनुसार, पाहलगाम आतंकी हमले के बाद यह प्रशिक्षण और भी अहम हो गया है।
सेना और CISF के समन्वय से चल रहे इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कश्मीर घाटी में किया जा रहा है। इसका उद्देश्य CISF के चुनिंदा कमांडोज़ को शहरी युद्ध कौशल, आतंकवाद-रोधी रणनीतियों, एंटी-सैबोटाज ऑपरेशन और आधुनिक युद्ध तकनीकों में दक्ष बनाना है।
CISF ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से जानकारी साझा करते हुए बताया कि, “संसद सुरक्षा टीम के कुछ जवानों को कश्मीर घाटी में सेना द्वारा विशेष कमांडो ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग संसद जैसी संवेदनशील जगहों की सुरक्षा को और मज़बूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
यह पहल दर्शाती है कि भारत सरकार आतंकवादी खतरों और ड्रोन जैसी उभरती तकनीकी चुनौतियों के प्रति सतर्क है और उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है। यह पहली बार है जब सेना और CISF इस स्तर पर साझेदारी में रणनीतिक प्रशिक्षण कर रहे हैं।
इससे सुरक्षा बलों की तत्परता और क्षमता दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, विशेषकर सीमावर्ती इलाकों में जहां आतंकी घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं।