दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तीखा सवाल किया है। उन्होंने पूछा कि अगर किसी राजनीतिक दल में अपराधियों को शामिल किया जाए तो इसके लिए कितने साल की सजा तय की जानी चाहिए।
केजरीवाल ने अपने बयान में कहा, "केंद्र सरकार ने राजनीतिक साजिश के तहत मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर मुझे जेल भेज दिया। इसके बावजूद, मैंने 160 दिन तक जेल से ही दिल्ली सरकार चलाई।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश की राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को संरक्षण मिल रहा है, जबकि ईमानदार नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब नेताओं पर आपराधिक आरोप साबित होते हैं या वे अपराधियों को अपनी पार्टी में जगह देते हैं, तब उस पर कार्रवाई क्यों नहीं होती। केजरीवाल का कहना है कि राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में सख्त कानून होने चाहिए।
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केजरीवाल के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, जबकि भाजपा इस बात से इंकार करती है। भाजपा का आरोप है कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के मामलों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब देश में चुनावी राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की बढ़ती संख्या को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है।
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