असम सरकार ने रविवार (9 नवंबर) को राज्य में चल रहे विस्तृत बेदखली अभियान को दोबारा शुरू किया है, जिसके तहत 580 से अधिक परिवारों को घर खाली करने का नोटिस दिया गया है। प्रशासन ने यह कार्रवाई ऐसे क्षेत्रों में शुरू की है, जिन्हें सरकार ने “अवैध कब्जों से मुक्त कराने” और “जनसांख्यिकीय अतिक्रमण” रोकने के उद्देश्य से चिह्नित किया है।
राज्य सरकार ने इस अभियान को असम के संसाधनों और भूमि की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है। अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान जुलाई-अगस्त में अपने चरम पर था, लेकिन गायक जुबीन गर्ग की मौत के बाद फैली जनभावनाओं के कारण इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। अब इसे फिर से सक्रिय किया गया है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई शिवसागर, दरांग और नगांव जिलों में चल रही है, जहां बड़ी संख्या में लोग सरकारी भूमि पर वर्षों से रह रहे थे। प्रशासन का कहना है कि इन इलाकों में रहने वालों को पहले ही वैकल्पिक आवास या नोटिस दिया गया था। हालांकि, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें पर्याप्त समय और पुनर्वास के विकल्प नहीं दिए गए।
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राज्य में विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने इस अभियान की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार इसे “राजनीतिक मकसद” से चला रही है और गरीब व अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बना रही है।
असम सरकार ने साफ किया है कि यह कार्रवाई कानून के तहत की जा रही है और किसी भी निर्दोष नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
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