असम में भारत रत्न और महान गायक-संगीतकार भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी समारोह की शुरुआत हो गई है। इस अवसर पर पूरे राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। हजारिका, जिन्होंने अपनी आवाज़ और संगीत से भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को जोड़ने का काम किया, आज भी हर पीढ़ी के दिलों में जीवित हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर भूपेन हजारिका को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि भूपेन दा केवल असम ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं। उनकी रचनाएं और गीत सामाजिक एकता और मानवीय संवेदनाओं को गहराई से व्यक्त करते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर कहा कि भूपेन हजारिका का संगीत भारत की आत्मा को छूता है। उन्होंने कहा कि उनकी विरासत देश को प्रेरणा देती रहेगी और आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहेगी।
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समारोह में असम सरकार के मंत्री, कलाकार और हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। विभिन्न सांस्कृतिक समूहों ने उनके लोकप्रिय गीत प्रस्तुत किए और उनकी जीवन यात्रा पर प्रदर्शनी भी लगाई गई। स्कूलों और कॉलेजों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जहां विद्यार्थियों को उनके योगदान के बारे में बताया जा रहा है।
भूपेन हजारिका का जन्म 1926 में असम में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन में संगीत, सिनेमा और समाजसेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी रचनाएं न केवल भारतीय संगीत में अमिट छाप छोड़ गईं, बल्कि उन्होंने सामाजिक मुद्दों को भी अपनी कला के माध्यम से सामने लाया।
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