बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले किसी भी तरह का विज्ञापन प्रिंट मीडिया में बिना पूर्व-प्रमाणन (pre-certification) के प्रकाशित नहीं कर सकेगा।
चुनाव आयोग ने मंगलवार (21 अक्टूबर 2025) को कहा कि इस संबंध में मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। आयोग ने कहा कि यह कदम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी माहौल बनाए रखने के लिए आवश्यक है ताकि मतदाताओं पर गलत या भ्रामक जानकारी के माध्यम से असर न डाला जा सके।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने जा रहे हैं — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि पहले चरण के लिए 5 और 6 नवंबर को तथा दूसरे चरण के लिए 10 और 11 नवंबर को यह प्रतिबंध लागू रहेगा। इन तिथियों पर बिना प्रमाणन के कोई भी प्रिंट विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा।
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आयोग ने यह भी बताया कि बिहार चुनावों के साथ-साथ आठ अन्य विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी कराए जाएंगे। आयोग ने मीडिया संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का सख्ती से पालन करें, अन्यथा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।
इस आदेश का उद्देश्य राजनीतिक दलों द्वारा झूठे या भावनात्मक रूप से भ्रामक प्रचार से मतदाताओं को बचाना है, ताकि मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके।
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