चुनाव आयोग को बिहार की मतदाता सूची से नाम हटाने के करीब 2 लाख अनुरोध प्राप्त हुए हैं। आयोग के अनुसार, यह संख्या हाल के वर्षों में असामान्य रूप से अधिक है। इसके साथ ही, आयोग को 29,872 नए नाम जोड़ने के अनुरोध भी मिले हैं और 33,771 शिकायतों का निपटारा किया गया है।
आयोग द्वारा प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची पर आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। इसके बाद सभी दावों और आपत्तियों की विस्तृत जांच कर अंतिम मतदाता सूची तैयार की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सूची से नाम हटाने के ज्यादातर अनुरोध स्थानांतरण, मृत्यु या गलत प्रविष्टियों से जुड़े हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में नाम हटाने के अनुरोध चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर सकते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी आवेदनों की गहन जांच की जाएगी और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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आयोग के मुताबिक, बिहार में मतदाता सूची के नियमित अद्यतन की प्रक्रिया जारी है और इस बार डिजिटल माध्यमों से बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके लिए आयोग ने ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप का भी उपयोग किया, जिससे लोग घर बैठे आसानी से आवेदन कर सके।
राजनीतिक दल भी इस प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और यह सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं कि किसी भी वैध मतदाता का नाम सूची से न हटे।
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