महाराष्ट्र में भाजपा के एक मंत्री ने राज्य सरकार से 25 अगस्त को ‘वराह जयंती’ मनाने की सिफारिश की है। मंत्री ने कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसे राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में भी मान्यता दी जानी चाहिए।
मंत्री ने सुझाव दिया कि वराह जयंती को स्कूल और कॉलेज स्तर पर मनाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ। इसके तहत छात्रों के लिए व्याख्यान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा सकती हैं, ताकि वे इस पर्व के महत्व और इतिहास को समझ सकें।
साथ ही मंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश देने की मांग की कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में वराह जयंती और उससे जुड़ी कथाओं का समावेश किया जाए। उनका कहना है कि इससे छात्र अपने धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास से बेहतर तरीके से जुड़ पाएंगे।
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मंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रमों और समाजिक जागरूकता अभियान के माध्यम से आम जनता को वराह जयंती के महत्व के बारे में जानकारी दी जा सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पहल से युवाओं में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी और धार्मिक परंपराओं का सही संदेश समाज तक पहुँचेगा।
राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है और शिक्षा तथा संस्कृति विभाग से कहा गया है कि वे इस विषय पर व्यापक योजना तैयार करें। इस योजना में सभी स्कूल और कॉलेजों को शामिल किया जाएगा, ताकि वराह जयंती को पूरी राज्यव्यापी रूप से सम्मानित किया जा सके।
इस तरह, भाजपा मंत्री का उद्देश्य राज्य में सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बढ़ावा देना और युवाओं में परंपराओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
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