केंद्रीय कर्मचारियों ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में कार्यस्थल उत्पीड़न (Workplace Harassment) के आरोपों पर कार्रवाई न होने के विरोध में प्रदर्शन किया। सेंट्रल सचिवालय सर्विस (CSS) के अधिकारियों ने शांति मार्च और धरना आयोजित किया।
घटना की पृष्ठभूमि यह है कि कुछ सप्ताह पहले, मंत्रालय के एक अधिकारी ने कथित उत्पीड़न के कारण आत्महत्या का प्रयास किया था। इसके बाद कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों ने मामले में उचित और त्वरित कार्रवाई नहीं की।
प्रदर्शन में शामिल अधिकारियों ने कहा कि कार्यस्थल में उत्पीड़न के मामलों की सही जांच और उचित कार्रवाई न होने से कर्मचारियों में असुरक्षा और मानसिक तनाव बढ़ रहा है। CSS अधिकारियों ने समान अवसर और सुरक्षित कार्यस्थल की मांग की।
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शांति मार्च और धरना के दौरान अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि केवल शिकायत दर्ज करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि आरोपों की सटीक जांच और दंडात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उनका यह भी कहना था कि यह कदम भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने और कर्मचारियों में विश्वास बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कार्यस्थल उत्पीड़न की शिकायतों पर सक्रिय और पारदर्शी कार्रवाई किसी भी सरकारी संस्थान की विश्वसनीयता और कर्मचारी संतुष्टि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कर्मचारियों ने प्रशासन से आग्रह किया कि मंत्रालय में सख्त नीति और निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए, ताकि कोई भी अधिकारी उत्पीड़न का शिकार न बने और सभी के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित हो।
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