राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने में देरी को लेकर केंद्र सरकार अब भी स्पष्ट जवाब देने से बच रही है। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा एक महीने पहले केंद्र से इस देरी पर जवाब मांगा गया था, लेकिन इसके बावजूद कोई निश्चित समयसीमा अभी तक सामने नहीं आई है।
राज्यसभा में दिए गए एक लिखित उत्तर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने यह स्वीकार किया कि आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के सभी पद अप्रैल 2025 से खाली पड़े हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इन पदों पर नियुक्तियां कब तक की जाएंगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2025 में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से पूछा था कि आखिर इतने महत्वपूर्ण संवैधानिक निकाय में नियुक्तियों में बार-बार देरी क्यों हो रही है। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि सदस्यों के अभाव में आयोग का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े मुद्दों का समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है।
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हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर आयोग के प्रमुख पद इतने लंबे समय तक खाली पड़े रहेंगे, तो यह संविधान द्वारा दिए गए उद्देश्यों के विपरीत होगा। अदालत ने केंद्र को स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।
इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने अभी तक कोई ठोस योजना या समयसीमा प्रस्तुत नहीं की है। मंत्री रिजिजू के जवाब से यह स्पष्ट है कि नियुक्तियों को लेकर प्रक्रिया जारी होने का दावा तो है, लेकिन यह कब पूरी होगी, इसका कोई अनुमान नहीं लगाया गया है।
आयोग के पद खाली होने के कारण कई महत्वपूर्ण शिकायतें और जांच लंबित पड़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अल्पसंख्यक समुदायों में सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर संदेह बढ़ रहा है।
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