केंद्र सरकार ने सोमवार (1 नवंबर, 2025) को बताया कि पिछले तीन वर्षों और मौजूदा वर्ष में जल जीवन मिशन (JJM) के तहत 17,036 शिकायतें वित्तीय अनियमितताओं और घटिया गुणवत्ता के कार्यों से संबंधित प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों में से 84% अकेले उत्तर प्रदेश से आई हैं।
राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमनाः ने बताया कि यह आंकड़े 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। शिकायतें मीडिया रिपोर्ट, स्वतः संज्ञान, जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और शिकायत पोर्टलों के माध्यम से प्राप्त हुईं।
मंत्री ने कहा कि अब तक 621 विभागीय अधिकारियों, 969 ठेकेदारों, और 153 थर्ड-पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसियों (TPIAs) के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश ने बताया कि उसके पास प्राप्त 14,264 शिकायतों में से 14,212 मामलों की जांच रिपोर्ट जमा हो चुकी है, जबकि 52 मामलों की जांच जारी है। अभी तक हुई कार्रवाई में 171 विभागीय अधिकारी, 120 ठेकेदार, और 143 TPIAs शामिल हैं।
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अन्य राज्यों में असम (1,236), त्रिपुरा (376), राजस्थान (183), महाराष्ट्र (154), कर्नाटक (169) और पश्चिम बंगाल (173) शिकायतों के साथ आगे रहे।
वहीं आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, गोवा, पुदुचेरी और लक्षद्वीप ने किसी शिकायत की रिपोर्ट नहीं की।
डेटा से पता चलता है कि राजस्थान में 170 अधिकारियों, मध्य प्रदेश में 151 अधिकारियों, जबकि पश्चिम बंगाल में 142 ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई हुई। त्रिपुरा ने 376 ठेकेदारों पर कार्रवाई की।
2019 में शुरू हुआ जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण घरों तक नल के जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। केंद्र ने स्पष्ट किया कि शिकायतों की जांच और आवश्यक कार्रवाई राज्यों की जिम्मेदारी है।
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