छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने मानव तस्करी और धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार दो केरल की ननों को सशर्त जमानत दे दी है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें नन भी शामिल थीं। बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने बताया कि अदालत ने तीनों आरोपियों को सशर्त जमानत दी है।
मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब इन ननों पर आरोप लगा कि वे मानव तस्करी और अवैध धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल थीं। पुलिस ने इन आरोपों के आधार पर जांच शुरू की थी और ननों को हिरासत में लिया गया था।
बचाव पक्ष ने अदालत में दलील दी कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और जांच में अब तक ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, जो उनकी सीधी संलिप्तता साबित करे। वकील ने यह भी कहा कि ननें सामाजिक और धार्मिक कार्यों में संलग्न हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीतिक और धार्मिक पूर्वाग्रह के कारण की गई है।
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अदालत ने जमानत मंजूर करते हुए शर्त रखी कि आरोपी बिना अनुमति देश छोड़कर नहीं जा सकते और जांच में पूरा सहयोग करेंगे। साथ ही, उन्हें गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने से भी रोका गया है।
यह मामला राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और धार्मिक बहस का केंद्र बन गया था। अब अदालत के इस फैसले से ननों को राहत मिली है, लेकिन मामला अभी भी जांच के अधीन है और आगे की सुनवाई में अंतिम निर्णय होगा।
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