कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अफजल गुरु की फांसी उनके (चिदंबरम) कार्यकाल के दौरान नहीं हो पाई।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी लंबे समय तक टली रही क्योंकि उस समय पी. चिदंबरम गृह मंत्री थे। शाह के अनुसार, यह देरी न्याय प्रक्रिया और केंद्र सरकार की निष्क्रियता के कारण हुई।
चिदंबरम ने इस बयान को “झूठ और भ्रामक” करार दिया। उन्होंने कहा कि अफजल गुरु की फांसी को लेकर सभी कानूनी और संवैधानिक प्रक्रियाएं अपनाई गईं और यह कहना कि फांसी केवल उनके कारण टली, तथ्यों से परे है।
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उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी फांसी की सजा में कई स्तर की अपीलें और दया याचिकाएं होती हैं, जिनकी वजह से प्रक्रिया लंबी होती है। चिदंबरम के अनुसार, यह फैसला अदालत और राष्ट्रपति के स्तर पर होता है, न कि केवल गृह मंत्री के निर्णय पर।
कांग्रेस पार्टी ने भी अमित शाह के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा विपक्ष को बदनाम करने के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ रही है। पार्टी का कहना है कि इस तरह के बयान केवल राजनीतिक लाभ के लिए दिए जा रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद संसद सत्र के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव को और बढ़ा सकता है।
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