तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल आर. एन. रवि द्वारा आयोजित चाय पार्टी में भाग नहीं लेंगे। राज्य सरकार ने इस निर्णय को सार्वजनिक करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का बहिष्कार राज्यपाल रवि के खिलाफ विरोध जताने के लिए है। सरकार का कहना है कि राज्यपाल रवि “तमिलनाडु के लोगों के हित के खिलाफ कार्य करते हैं।”
इससे पहले हर साल स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल की ओर से अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों और प्रमुख नेताओं के लिए चाय पार्टी का आयोजन किया जाता था। लेकिन इस वर्ष मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस आयोजन में भाग न लेने का निर्णय लिया। यह कदम राज्यपाल के निर्णयों और गतिविधियों के खिलाफ स्पष्ट संदेश माना जा रहा है।
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार हमेशा राज्य और उसके नागरिकों के हित में कार्य करते हैं, और इस तरह का विरोध केवल यह दिखाने के लिए है कि वे राज्य की जनता के अधिकारों और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। अधिकारियों और जनता को भी यह संदेश दिया गया है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच सम्मान और सहयोग का होना आवश्यक है, लेकिन जब किसी अधिकारी का आचरण राज्य के हितों के विपरीत हो, तो उसका विरोध करना भी एक जिम्मेदारी है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बहिष्कार राज्य और केंद्र के बीच बढ़ती तनावपूर्ण परिस्थितियों का संकेत भी हो सकता है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस तरह के विरोध ने राजनीतिक सुर्खियों को और बढ़ा दिया है।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री स्टालिन का चाय पार्टी में न जाना राज्यपाल रवि के खिलाफ विरोध का प्रतीक है और तमिलनाडु सरकार की जनता के हित में खड़े होने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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