महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम चुनावों से पहले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में दरार खुलकर सामने आ गई है। नागपुर नगर निगम चुनाव में एमवीए की सहयोगी पार्टियां कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) [एनसीपी (एसपी)] अब अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने कांग्रेस पर सीटों के बंटवारे में उपेक्षा का आरोप लगाया है।
नागपुर एनसीपी (एसपी) के अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे ने मंगलवार (30 दिसंबर 2025) को कहा कि कांग्रेस नेताओं के साथ सोमवार रात तक सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चलती रही। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने फोन कॉल का जवाब देना बंद कर दिया, जिससे यह साफ संकेत मिला कि वे गठबंधन नहीं करना चाहते। उन्होंने पीटीआई वीडियो से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी ने शुरुआत में 25 सीटों की मांग की थी, लेकिन बाद में 15 सीटों पर सहमति जता दी थी। इसके बावजूद कांग्रेस ने उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया।
पेठे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का यह रवैया भाजपा को फायदा पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि कांग्रेस भाजपा की मदद करना चाहती है और इसलिए हमारे साथ गठबंधन नहीं कर रही है।” इस फैसले से नागपुर की राजनीतिक तस्वीर बदलती नजर आ रही है।
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गौरतलब है कि 2017 में हुए 151 सदस्यीय नागपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 108 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस को 28 सीटें, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 10 सीटें, अविभाजित शिवसेना को 2 सीटें और अविभाजित एनसीपी को केवल एक सीट मिली थी।
महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं, जबकि मतगणना अगले दिन होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि मंगलवार है। नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 2 जनवरी है और उम्मीदवारों की अंतिम सूची 3 जनवरी को जारी की जाएगी।
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