कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार (4 नवंबर 2025) को चेतावनी दी कि अमेरिका में पेश किया गया “Halting International Relocation of Employment (HIRE) Act” भारत की सेवा आधारित अर्थव्यवस्था पर गंभीर और दीर्घकालिक असर डाल सकता है। यह बिल यदि कानून बन जाता है, तो इसका सीधा प्रभाव भारत के आईटी सर्विसेज, बीपीओ, कंसल्टिंग और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) पर पड़ेगा।
कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव “भारतीय अर्थव्यवस्था में आग लगा सकता है।” उन्होंने कहा कि यह विधेयक अमेरिकी कंपनियों को भारत जैसे देशों में नौकरियां आउटसोर्स करने से रोकने का प्रयास है, जिससे भारत के लाखों युवाओं की नौकरी और रोजगार पर असर पड़ सकता है।
रमेश ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह इस मसले को गंभीरता से लेते हुए अमेरिकी प्रशासन और संसद के साथ तत्काल बातचीत शुरू करे। उन्होंने कहा कि आईटी और सेवा क्षेत्र भारत की आर्थिक रीढ़ हैं और यदि अमेरिका का यह बिल पारित हुआ तो विदेशी निवेश और तकनीकी सहयोग पर बड़ा संकट आ सकता है।
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विश्लेषकों का मानना है कि HIRE बिल से अमेरिकी कंपनियों को विदेशों में नई नौकरियां सृजित करने से रोका जाएगा, जिससे भारत के आईटी क्षेत्र, खासकर स्टार्टअप्स और कंसल्टिंग उद्योग पर बड़ा झटका लग सकता है।
कांग्रेस ने सरकार से अपील की है कि वह देश के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए प्रभावी राजनयिक कदम उठाए।
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