भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने सोमवार देर रात 11:30 बजे से 12:30 बजे के बीच आंध्र प्रदेश और यानम तटों को पार किया। यह लैंडफॉल काकीनाडा के दक्षिण और नरसापुर के पास हुआ। लैंडफॉल के बाद भी राज्य के कई हिस्सों में बुधवार (29 अक्टूबर) को भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। तूफान के प्रभाव से तटीय इलाकों में तेज़ हवाएं, पेड़ गिरने और जलभराव की घटनाएं दर्ज की गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और राहत दलों को सतर्क रखा गया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की गई है।
इस बीच, अटलांटिक महासागर में चक्रवात ‘मेलिसा’ ने जमैका के तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही की आशंका बढ़ा दी है। मंगलवार को यह तूफान श्रेणी-5 के रूप में और भी शक्तिशाली हो गया, जिसकी रफ्तार 295 किलोमीटर प्रति घंटा (185 मील प्रति घंटा) दर्ज की गई। यह अटलांटिक महासागर के इतिहास के सबसे ताकतवर तूफानों में से एक है। राजधानी किंग्सटन में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। कुछ लोग ही तेज हवाओं के बीच सुरक्षित स्थान की तलाश में भागते दिखे, जबकि पेड़-पौधे हवाओं में झूलते रहे।
अधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए लोगों से घरों में रहने, आवश्यक वस्तुएं संग्रहीत करने और सतर्क रहने की अपील की है। दोनों क्षेत्रों में मौसम विभाग ने राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
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