रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान “यदि चाहा होता तो और भी बहुत कुछ कर सकते थे”, लेकिन सेना ने संयम बरतते हुए केवल उतना ही किया, जितना आवश्यक था। उन्होंने यह टिप्पणी 7 दिसंबर 2025 को की, जब उन्होंने सीमा सड़क संगठन (BRO) की 125 रणनीतिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें लद्दाख में महत्वपूर्ण श्योक सुरंग भी शामिल है।
लेह में आयोजित कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार सीमावर्ती इलाकों में सड़क, संचार और इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है, जिससे सैन्य अभियानों को गति मिली है।
उन्होंने बताया कि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता में पिछले एक दशक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में ₹46,000 करोड़ का घरेलू रक्षा उत्पादन अब बढ़कर ₹1.51 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। रक्षा निर्यात भी कम से कम ₹1,000 करोड़ से बढ़कर लगभग ₹24,000 करोड़ तक पहुंच चुका है।
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पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में सेना, नागरिक प्रशासन और सीमाई जनता के बीच बेहतरीन तालमेल देखने को मिला।
रक्षा मंत्री ने BRO की 125 परियोजनाओं को “सीमा सुदृढ़ीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण” बताया। ₹5,000 करोड़ की लागत से तैयार ये परियोजनाएं सात राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बनी हैं, जिनमें 28 सड़कें, 93 पुल और चार अन्य कार्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी न केवल सुरक्षा को सुदृढ़ करती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, आपदा प्रबंधन और शासन व्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है।
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