दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए मुफ्त बस यात्रा सुविधा देने का प्रस्ताव तैयार है, लेकिन इसे लागू करने के लिए अभी मंत्रिमंडल की अंतिम मंजूरी बाकी है। सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त बनाना और उन्हें दैनिक जीवन में अधिक सुविधा प्रदान करना है।
यह मामला उस समय अदालत के संज्ञान में आया जब एक याचिकाकर्ता ने सरकार पर इस योजना को लागू करने में देरी का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने पहले ही इस योजना की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि चूंकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि योजना कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार कर रही है, इसलिए फिलहाल अवमानना याचिका को निपटाया जाता है। हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ता को यह छूट दी कि यदि सरकार प्रस्ताव को खारिज करती है या मंजूरी में और अधिक देरी करती है, तो मामला फिर से अदालत में उठाया जा सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से ट्रांसजेंडर समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। दिल्ली में पहले से ही महिलाओं के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा उपलब्ध है। अब ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भी समान अधिकार देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस निर्णय से ट्रांसजेंडर समुदाय को न केवल सम्मान मिलेगा, बल्कि उनकी रोजमर्रा की गतिशीलता और रोजगार तक पहुंच भी आसान होगी।
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