ब्रिटेन की राजधानी लंदन में आयोजित अति-दक्षिणपंथी रैली के दौरान हिंसा भड़क उठी। पुलिस के अनुसार, इस दौरान सुरक्षा बलों को “अस्वीकार्य हिंसा” का सामना करना पड़ा, जिसमें हजारों लोग शामिल थे। अनुमान के मुताबिक, रैली में करीब 1.5 लाख लोग मौजूद थे।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने जानकारी दी कि अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे भी और गिरफ्तारियां की जाएंगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पुलिसकर्मियों पर हमला करना और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करना किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि इस रैली के दौरान कई स्थानों पर तोड़फोड़ और अव्यवस्था फैलाने की कोशिशें की गईं। हिंसा को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन कुछ समूहों ने कानून-व्यवस्था को चुनौती दी। अधिकारियों ने कहा कि सभी घटनाओं की जांच के लिए वीडियो फुटेज और चश्मदीद गवाहियों का सहारा लिया जाएगा।
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ब्रिटिश सरकार ने भी इस हिंसा की निंदा की और कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल हिंसा फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता। गृह विभाग ने चेतावनी दी कि हिंसा और नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के वर्षों में ब्रिटेन में अति-दक्षिणपंथी गतिविधियों में तेजी आई है, जिससे सामाजिक तनाव और बढ़ गया है। पुलिस का कहना है कि उनका उद्देश्य शांतिपूर्ण विरोध को अनुमति देना है, लेकिन हिंसा की आड़ में अराजकता फैलाना अस्वीकार्य है।
यह घटना ब्रिटेन की कानून-व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द के लिए गंभीर चुनौती के रूप में देखी जा रही है।
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