कर्नाटक के धर्मस्थल में दफन मामले को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। 17 अलग-अलग स्थानों पर खुदाई करने के बावजूद अब तक कोई बड़ा खुलासा नहीं हो सका है, जिससे मामले की गंभीरता और विवाद दोनों बढ़ गए हैं।
बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस-नेतृत्व वाली सरकार धार्मिक भावनाओं को आहत कर रही है। वर्तमान विधान सभा सत्र में बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कर्नाटक सरकार को घेरने का प्रयास किया है। पार्टी ने अब धर्मस्थल शहर में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जिसमें वे धार्मिक स्थलों और धर्मनिरपेक्षता के संरक्षण को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करेंगे।
कर्नाटक पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच में पूरी सक्रियता दिखाई है। विभिन्न स्थलों पर खुदाई और जांच के बावजूद कोई ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण मामले में अटकलें और राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने से स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है।
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इस बीच, राज्य सरकार ने खुदाई और जांच के काम में पारदर्शिता बनाए रखने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सामाजिक स्थिरता को बनाए रखना प्राथमिकता है और जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं कि इस मामले ने कर्नाटक की राजनीति में नई बहस शुरू कर दी है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पक्षों की प्रतिक्रिया से यह साफ है कि धर्मस्थल दफन मामले को लेकर आगामी दिनों में राजनीतिक संघर्ष तेज हो सकता है।
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