वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण पर होने वाली अंतरराष्ट्रीय वार्ता से पहले डीएमके सांसद थमिझाची थंगापांडियन ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह इस मुद्दे पर नेतृत्वकारी भूमिका निभाए। उन्होंने पर्यावरण मंत्री को लिखे एक पत्र में सुझाव दिया है कि इस बैठक में ऐसे कानूनी रूप से बाध्यकारी दायित्व तय किए जाने चाहिए जो प्लास्टिक के पूरे जीवनचक्र को कवर करें।
थमिझाची थंगापांडियन ने कहा कि भारत विश्व के सबसे बड़े प्लास्टिक उपभोक्ताओं में से एक है और ऐसे में देश को प्लास्टिक प्रदूषण कम करने में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि भारत के पास स्थायी विकल्पों को बढ़ावा देने और प्लास्टिक उत्पादन, उपयोग और निस्तारण के लिए सख्त नीतियां लागू करने का अवसर है।
पत्र में उल्लेख किया गया कि आगामी बैठक में केवल प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर नहीं बल्कि उत्पादन से लेकर पुनर्चक्रण तक की पूरी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। थंगापांडियन ने कहा कि यह कदम न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक जिम्मेदार और अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।
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उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास पारंपरिक और जैविक सामग्री के उपयोग में व्यापक अनुभव है, जिसे आधुनिक तकनीक से जोड़कर विश्व को प्लास्टिक के विकल्प प्रदान किए जा सकते हैं। सांसद का मानना है कि इस वैश्विक समझौते से प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत सक्रिय भूमिका निभाता है तो यह अंतरराष्ट्रीय नीति निर्धारण में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
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