मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी है। यह ऐलान बुधवार (24 दिसंबर 2025) को मुंबई में राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में किया। दोनों नेताओं के एक मंच पर आने से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं।
गठबंधन की घोषणा करते हुए राज ठाकरे ने स्पष्ट किया कि यह समझौता फिलहाल मुंबई नगर निगम चुनावों के लिए है, जो 15 जनवरी को होने वाले हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि नासिक को लेकर भी जल्द इसी तरह की घोषणा की जाएगी। राज ठाकरे ने कहा, “हम शरद पवार से भी बातचीत कर रहे हैं। आज हम दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की घोषणा कर रहे हैं।” हालांकि, उन्होंने बीएमसी जैसे हाई-प्रोफाइल चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की।
इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने तीखा बयान देते हुए कहा, “जो लोग मुंबई को हमसे छीनना चाहते हैं, उन्हें हम खत्म कर देंगे।” उनके इस बयान को मुंबई की सियासत में बाहरी बनाम स्थानीय मुद्दे से जोड़कर देखा जा रहा है। उद्धव ठाकरे का यह बयान गठबंधन की आक्रामक रणनीति की ओर इशारा करता है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस का यह गठबंधन मराठी मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश है। बीएमसी चुनाव में यह गठबंधन सत्तारूढ़ दलों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर सकता है। दोनों पार्टियां लंबे समय से अलग-अलग रास्तों पर थीं, लेकिन नगर निगम चुनाव के मद्देनजर यह राजनीतिक एकता महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आने वाले दिनों में सीट शेयरिंग, साझा घोषणापत्र और प्रचार रणनीति को लेकर और स्पष्टता आने की संभावना है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में मुकाबला और दिलचस्प हो जाएगा।
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