दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने छात्र राजनीति से जुड़े एक गंभीर मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) की संयुक्त सचिव दीपिका झा को दो महीने के लिए पद से निलंबित कर दिया है। यह आदेश 14 नवंबर को जारी किया गया, ठीक एक महीने बाद जब उन पर एक प्रोफेसर को थप्पड़ मारने का आरोप लगा था। दीपिका झा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से भी जुड़ी हुई हैं, जिसके कारण यह घटना और भी विवादित बन गई।
आधिकारिक आदेश के अनुसार, दीपिका झा को छात्रसंघ के सभी पदों और संबंधित गतिविधियों से दो महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि उन्हें कक्षाओं में भाग लेने और परीक्षाएं देने की अनुमति जारी रहेगी। यह निर्णय प्रशासनिक अनुशासनात्मक कार्रवाई तक ही सीमित रखा गया है, जिससे शिक्षक बिरादरी में भारी असंतोष देखने को मिला है।
शिक्षकों के विभिन्न संगठनों और फैकल्टी समूहों ने इस कार्रवाई को ‘अपर्याप्त’, ‘नरम’ और ‘न्याय का मजाक’ बताते हुए कड़ी आलोचना की है। कई शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालय को सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाने चाहिए थे, क्योंकि किसी भी शिक्षक पर हाथ उठाना शैक्षणिक वातावरण और संस्थागत गरिमा के खिलाफ है।
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फैकल्टी सदस्यों का यह भी तर्क है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में असुरक्षा की भावना बढ़ा सकती हैं और छात्र व शिक्षक संबंधों में तनाव पैदा कर सकती हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय को छात्रों में जवाबदेही बढ़ाने और ऐसे मामलों में कड़ा उदाहरण पेश करने की आवश्यकता है।
हालांकि छात्र राजनीति से जुड़े कुछ संगठनों ने निर्णय को ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ बताया है, लेकिन समग्र रूप से विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों में इस फैसले को लेकर निराशा ज्यादा है।
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