सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण के दौरान घायल हुए कैडेटों के लिए रक्षा मंत्रालय (MoD) ने ईसीएचएस (ECHS) चिकित्सा लाभों का विस्तार किया है। यह जानकारी मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को दी। अधिकारियों ने बताया कि अब इन कैडेटों की सभी चिकित्सा जरूरतों को बिना किसी सीमा या रोक के पूरा किया जाएगा।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट में बताया कि अब प्रशिक्षण दुर्घटनाओं में घायल हुए कैडेटों को ECHS योजना के तहत पूरी तरह से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इन्हें योजना में शामिल होने के लिए अनिवार्य एकमुश्त ₹1.2 लाख की सदस्यता शुल्क से भी छूट दी गई है।
यह निर्णय उन कैडेटों के लिए राहत का काम करेगा, जिन्हें प्रशिक्षण के दौरान गंभीर चोटें आईं और वे असमर्थ हो गए। इससे उनका चिकित्सा उपचार अब निःशुल्क और सुनिश्चित होगा, जिससे उनकी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर किया जा सके।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम सशस्त्र बलों में कैडेटों की सुरक्षा और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। इसे उनके समर्पण और देश की सेवा में योगदान का सम्मान माना जा रहा है।
अदालत ने इस मामले में मंत्रालय से स्पष्ट निर्देश लिया था कि प्रशिक्षण दुर्घटनाओं में घायल कैडेटों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाए और उन्हें सभी चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। मंत्रालय की यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस आश्वासन के रूप में पेश की गई कि लाभों में किसी भी तरह की कटौती या सीमा नहीं होगी।
इस निर्णय से न केवल घायल कैडेटों को सुरक्षा और सुविधा मिलेगी, बल्कि यह अन्य कैडेटों के लिए भी विश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ाएगा।
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