भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने 334 पंजीकृत, अपंजीकृत राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया है। यह कदम उन दलों के खिलाफ उठाया गया जिन्होंने आयोग द्वारा निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
चुनाव आयोग के अनुसार, देश में कुल 2,854 पंजीकृत, अपंजीकृत राजनीतिक दल थे। इस सफाई अभियान के बाद अब यह संख्या घटकर 2,520 रह गई है। आयोग का कहना है कि इन 334 दलों को आवश्यक दस्तावेज, वार्षिक लेखा-जोखा, और समय पर विवरण प्रस्तुत न करने के कारण सूची से हटाया गया।
आयोग ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दलों को पंजीकरण बनाए रखने के लिए कुछ बुनियादी मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है। इसमें वार्षिक आय-व्यय का ब्यौरा, ऑडिट रिपोर्ट, और संगठनात्मक विवरण समय पर जमा करना शामिल है। इन नियमों की अनदेखी करने पर पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
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चुनाव आयोग ने इस कार्रवाई को पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि पंजीकृत अपंजीकृत दलों पर समय-समय पर नजर रखी जाती है ताकि वे निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के योग्य बने रहें।
इस कदम को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरा रखने के प्रयास का हिस्सा है, जिससे केवल सक्रिय और नियमों का पालन करने वाले दल ही सूची में बने रहें।
यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने ऐसी कार्रवाई की हो; इससे पहले भी समय-समय पर नियम उल्लंघन करने वाले दलों को सूची से हटाया जाता रहा है।
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