कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग संदेश की गंभीरता को समझने के बजाय संदेशवाहक पर हमला कर रहा है। उन्होंने यह टिप्पणी विपक्ष के नेता द्वारा भेजे गए विस्तृत प्रतिनिधित्व को लेकर की, जिसमें चुनाव प्रक्रिया और पारदर्शिता से जुड़े मुद्दे उठाए गए थे।
सिंघवी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में एक जिम्मेदार संवैधानिक संस्था को चाहिए था कि वह ऐसे प्रतिनिधित्व को खुले मन और संवेदनशीलता के साथ सुने, न कि इसे व्यक्तिगत या राजनीतिक हमला मानकर खारिज कर दे। उनके अनुसार, चुनाव आयोग का रवैया यह दर्शाता है कि वह वास्तविक मुद्दों पर चर्चा से बच रहा है और आलोचना करने वालों को निशाना बना रहा है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आयोग की इस तरह की प्रतिक्रिया लोकतांत्रिक संवाद और पारदर्शिता की भावना के विपरीत है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना को सहन करना और उस पर विचार करना ही संस्थाओं की मजबूती का संकेत होता है।
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सिंघवी ने जोर देकर कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि वह चुनाव प्रक्रिया में किसी भी गड़बड़ी या अनियमितता की ओर ध्यान आकर्षित करे। इसे राजनीतिक लाभ या हानि के चश्मे से देखना गलत है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए कि वह उठाए गए सवालों पर गंभीरता से विचार करे और अपने कामकाज में पारदर्शिता व निष्पक्षता बनाए रखे, ताकि जनता का भरोसा लोकतांत्रिक प्रणाली पर कायम रह सके।
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