प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत चल रही जांच के हिस्से के रूप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को देशभर में 15 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित रूप से सरकारी अधिकारियों, विशेष रूप से नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) के अधिकारियों को दिए गए रिश्वत मामले से जुड़ी है।
एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, जिन स्थानों पर तलाशी ली गई उनमें कई राज्यों के सात मेडिकल कॉलेजों के परिसर शामिल हैं। यह छापे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के आसपास के क्षेत्रों में किए गए। ईडी का कहना है कि इन मेडिकल कॉलेजों और कुछ निजी व्यक्तियों के नाम सीबीआई की एफआईआर में आरोपी के रूप में दर्ज हैं।
सीबीआई ने यह मामला 30 जून को दर्ज किया था, जिसके आधार पर ईडी अब मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं की जांच कर रही है। आरोप है कि कुछ मेडिकल कॉलेजों को मान्यता या अन्य नियामक प्रक्रियाओं में सुविधा देने के बदले कथित रूप से सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी। ईडी इन पैसों की लेनदेन श्रृंखला, हवाला नेटवर्क, और जुड़े व्यक्तियों की भूमिका की जांच कर रही है।
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सूत्रों के अनुसार, तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सबूत और संदिग्ध वित्तीय रिकॉर्ड बरामद हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हो सकता है और जांच आगे बढ़ने के साथ और नाम सामने आ सकते हैं।
मामले से जुड़े मेडिकल कॉलेजों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रवेश, मान्यता और निरीक्षण प्रक्रियाओं में अनियमितताओं का सिलसिला लंबे समय से जारी था। ईडी की कार्रवाई से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े भ्रष्टाचार पर फिर से ध्यान केंद्रित हुआ है।
एजेंसी आने वाले दिनों में जब्त दस्तावेजों के आधार पर संबंधित अधिकारियों और संस्थानों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
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