प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (7 नवंबर 2025) को पश्चिम बंगाल में एक कथित संगठित मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति रैकेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई।
ईडी ने उत्तर 24 परगना जिले के बिधाननगर, कोलकाता और सिलीगुड़ी में कम से कम आठ स्थानों पर तलाशी ली। यह मामला राज्य पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर और चार्जशीट्स से जुड़ा है, जिनमें मुख्य आरोपियों के रूप में जगजीत सिंह, अजमल सिद्दीकी, बिष्णु मुंद्रा और अन्य के नाम शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने झूठे रोजगार के वादे कर कमजोर महिलाओं को फंसाया और उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेला। इस प्रक्रिया से अर्जित की गई भारी मात्रा में अवैध नकदी, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है, को उन्होंने अपनी कई फर्जी कंपनियों के माध्यम से सफेद धन में बदल दिया।
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ईडी को संदेह है कि इस रैकेट के तार राज्य से बाहर के कई शहरों तक फैले हुए हैं। एजेंसी ने डिजिटल रिकॉर्ड, नकद लेनदेन के दस्तावेज और बैंक खातों की जानकारी भी जब्त की है।
सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई का उद्देश्य इस नेटवर्क के मुख्य सरगनाओं की पहचान कर उनके वित्तीय स्रोतों का पता लगाना है। ईडी आगे की जांच में इन आरोपियों से पूछताछ कर सकती है।
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