ओडिशा में अब विदेशी यूस्टोमा (Eustoma) फूलों की खेती संभव हो गई है। यह सफलता राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) के वैज्ञानिकों के प्रयासों से मिली है। एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शशनी ने बताया कि इस फूल की खेती किसानों के लिए आय के नए रास्ते खोलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।
यूस्टोमा, जिसे अक्सर "प्रशंसा का फूल" या "जेंटल रोज़" भी कहा जाता है, दुनियाभर में सजावटी फूलों के बाजार में बेहद लोकप्रिय है। अब तक इसकी खेती मुख्य रूप से जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों में होती थी। लेकिन एनबीआरआई ने अनुसंधान और तकनीकी सहयोग के जरिए इसे ओडिशा की जलवायु में सफलतापूर्वक उगाया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यूस्टोमा फूल की खेती से किसानों को पारंपरिक फसलों की तुलना में कहीं अधिक लाभ मिल सकता है। इसका उपयोग सजावट, बुके और फूलों के निर्यात में किया जाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक सीधी पहुंच बन सकती है।
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डॉ. शशनी ने कहा कि इस तरह की पहलें न केवल किसानों की आय को बढ़ाने में मदद करेंगी बल्कि कृषि विविधीकरण को भी प्रोत्साहित करेंगी। इससे किसानों को मौसमी जोखिमों से बचाव और टिकाऊ खेती की दिशा में एक मजबूत आधार मिलेगा।
ओडिशा में इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। इससे भारतीय फूलों के बाजार को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी और किसानों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आएगा।
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