दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने नकली दवाओं के निर्माण और देशभर में उनकी आपूर्ति करने वाले एक बड़े और संगठित रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में करीब 2.3 करोड़ रुपये मूल्य की नकली दवाएं बरामद की गई हैं, जिनमें कई लोकप्रिय ब्रांडेड मलहम और अन्य दवाएं शामिल हैं। ये सभी दवाएं असली बताकर बाजार में बेची जा रही थीं, जिससे आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा हो रहा था।
पुलिस के अनुसार, यह रैकेट विशेष रूप से शेड्यूल-एच श्रेणी की दवाओं का नकली निर्माण कर रहा था। शेड्यूल-एच दवाएं केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही बेची जाती हैं, क्योंकि इनका गलत या अनियंत्रित इस्तेमाल गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। नकली दवाओं की बिक्री से न केवल मरीजों की जान को खतरा होता है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होते हैं।
इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गौरव भगत के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी स्थित मीरपुर हिंदू गांव का निवासी है, और श्रीराम उर्फ विशाल गुप्ता, जो दिल्ली के सभापुर क्षेत्र के निर्मल विहार का रहने वाला है। पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी मिलकर नकली दवाओं के निर्माण, पैकेजिंग और आपूर्ति के नेटवर्क को संचालित कर रहे थे।
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जांच में सामने आया है कि आरोपी नकली दवाओं को इस तरह पैक करते थे कि वे देखने में बिल्कुल असली ब्रांडेड दवाओं जैसी लगें। इसके बाद इन्हें विभिन्न राज्यों में सप्लाई किया जाता था। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों और संभावित ठिकानों की तलाश कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे केवल विश्वसनीय मेडिकल स्टोर से ही दवाएं खरीदें और किसी भी संदिग्ध दवा की सूचना तुरंत पुलिस या ड्रग कंट्रोल विभाग को दें।
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