कावेरी-वैगई-किरुथुमल-गुंदर सिंचाई क्षेत्र के किसानों ने मडुरै में एक सरकारी कृषि विश्वविद्यालय खोलने की मांग को लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया। किसानों ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र में कृषि शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, जो किसानों के हित में होगा।
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने कहा कि मडुरै और इसके आसपास के क्षेत्रों में कृषि पर आधारित आर्थिक गतिविधियां प्रमुख हैं, लेकिन यहाँ किसानों को उचित तकनीकी और वैज्ञानिक सहायता नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों, सिंचाई तकनीक, फसल विविधता और जल संरक्षण के बारे में प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
कृषि विश्वविद्यालय से न केवल किसानों का विकास होगा, बल्कि युवा पीढ़ी को भी कृषि शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। किसानों ने सरकार से अपील की कि वे जल्द से जल्द इस मांग को स्वीकार करें और मडुरै में कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करें, जिससे क्षेत्र की कृषि उत्पादकता और आय में सुधार हो।
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कृषक महासंघ के नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर संजीदगी से काम कर रहे हैं और भविष्य में भी इस मांग को लेकर आंदोलन जारी रखेंगे जब तक कि सरकार इस पर सकारात्मक कदम न उठाए।
यह प्रदर्शन स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के समक्ष किसानों की उनकी आवश्यकताओं को स्पष्ट रूप से रखने का प्रयास है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना क्षेत्रीय कृषि विकास के लिए आवश्यक है और इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार संभव होगा।
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