सयुंक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में पंजाब के किसानों ने सोमवार (8 दिसंबर 2025) को केंद्र के बिजली संशोधन विधेयक 2025 और बीज विधेयक 2025 के मसौदों के खिलाफ राज्यभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन किए। किसानों ने दोनों विधेयकों को तुरंत वापस लेने की मांग की।
एसकेएम द्वारा राज्यव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया गया था, जिसमें पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (PSPCL) के कर्मचारियों के यूनियनों ने भी हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रस्तावित विधेयकों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
होशियारपुर जिले में मुक़ेरियां, दसूया, शाम चौरासी और मरनियां खुर्द स्थित PSPCL कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए। गढ़शंकर में किसान गांधी पार्क से PSPCL के कार्यकारी इंजीनियर कार्यालय तक मार्च करते हुए पहुंचे।
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इन प्रदर्शनों का नेतृत्व विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने किया, जिनमें कीर्ति किसान यूनियन, किसान कमेटी दोआबा, जमीहरी किसान सभा, कुल हिंद किसान सभा और भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) शामिल थे।
किसान नेताओं ने बिजली संशोधन विधेयक को किसान विरोधी और जनविरोधी करार दिया। उनका कहना था कि यह बिल बिजली क्षेत्र के निजीकरण को बढ़ावा देगा और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालेगा।
उन्होंने बीज विधेयक, 2025 का भी विरोध किया और कहा कि यह किसानों के हितों के लिए हानिकारक है। नेताओं ने आरोप लगाया कि इसमें पहले रद्द किए गए तीन कृषि कानूनों जैसे प्रावधानों को फिर से लागू करने की कोशिश की जा रही है।
इसी तरह मोहाली में भी PSPCL के सब-डिविजनल कार्यालय के बाहर किसानों ने प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
कुछ दिनों पहले किसान मजदूर मोर्चा ने बिजली संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में दो घंटे का ‘रेल रोको’ आंदोलन भी आयोजित किया था।
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