असम विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और असम गण परिषद (एजीपी) के तीन पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। इसमें पूर्व बीजेपी विधायक बिनंदा सैकिया और मानसिंह रोंगपी, तथा एजीपी के पूर्व विधायक सत्यब्रत कलिता शामिल हैं। इन नेताओं का कांग्रेस में औपचारिक स्वागत असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में किया गया।
गौरव गोगोई ने इस मौके पर कहा कि इन नेताओं का कांग्रेस में आना साबित करता है कि असम की जनता और राजनीतिक वर्ग बीजेपी और एजीपी की नीतियों से निराश हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में कांग्रेस राज्य के हर वर्ग की आवाज़ बनकर सामने आएगी और जनता के मुद्दों पर काम करेगी।
पूर्व बीजेपी विधायक बिनंदा सैकिया ने कहा कि मौजूदा सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। वहीं, मानसिंह रोंगपी और सत्यब्रत कलिता ने भी आरोप लगाया कि बीजेपी और एजीपी की सरकार जनता से किए वादे निभाने में असफल रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस में शामिल होकर वे असम के विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में योगदान देना चाहते हैं।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना विपक्षी खेमे को मजबूती देगा और चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। खासकर जिन इलाकों में इन नेताओं का जनाधार है, वहां कांग्रेस को फायदा मिलने की संभावना है।
असम में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है। इस ताज़ा घटनाक्रम से स्पष्ट है कि दल बदलने का सिलसिला चुनाव तक और भी बढ़ सकता है।
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