गुवाहाटी हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़े मानहानि मामले में निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति अरुण देव चौधरी की एकल पीठ ने आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।
मामला असम के कामरूप (मेट्रोपॉलिटन) की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अदालत का है, जिसने पहले इस मानहानि मामले में अधिक गवाहों को शामिल करने की अनुमति दी थी। ट्रायल कोर्ट में चल रहे इस मुकदमे में उस आदेश को अब हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत द्वारा दिया गया आदेश विधिक रूप से उचित नहीं था, क्योंकि इसने पहले से तय प्रक्रियाओं से हटकर अतिरिक्त गवाहों को शामिल करने की अनुमति दी थी। अदालत ने माना कि इस तरह का कदम सुनवाई की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है।
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यह मामला राहुल गांधी के एक कथित बयान से जुड़ा है, जिसके आधार पर उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि राहुल गांधी ने एक राजनीतिक भाषण के दौरान कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिससे उनकी और अन्य व्यक्तियों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।
हाई कोर्ट के इस फैसले से राहुल गांधी को राहत मिली है, क्योंकि इससे निचली अदालत की वह प्रक्रिया रुक गई है जिसमें नए गवाहों को शामिल कर मामले को आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई थी।
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