असम के चुनावी बोडोलैंड क्षेत्र में भौगोलिक संकेतक (GI) टैगिंग को लेकर जोरदार उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक 21 वस्तुओं का GI पंजीकरण किया जा चुका है, जिससे बोडोलैंड क्षेत्र की 26 समुदायों में अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने की इच्छा बढ़ गई है।
स्थानीय समुदायों का कहना है कि GI टैगिंग से उनके पारंपरिक हस्तशिल्प, कला, वस्त्र और अन्य सांस्कृतिक उत्पादों को पहचान और सुरक्षा मिलेगी। इसके साथ ही यह उनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान में भी सहायक होगा, क्योंकि वैश्विक बाजार में GI टैग वाले उत्पादों की मांग बढ़ती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि GI टैगिंग केवल उत्पादों को मान्यता देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति, परंपरा और कौशल को भी संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। बोडोलैंड के विभिन्न समुदाय अब अपनी पहचान को मजबूत करने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को अगले पीढ़ियों तक सुरक्षित रखने के लिए इस प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि GI पंजीकरण से स्थानीय शिल्पकारों और कारीगरों को अतिरिक्त आय के अवसर भी मिलेंगे। इसके अलावा, यह कदम बोडोलैंड क्षेत्र के पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
सांस्कृतिक और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी माहौल में GI टैगिंग से समुदायों का मनोबल बढ़ेगा और यह उनकी सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करेगा। बोडोलैंड क्षेत्र की सरकार और प्रशासन इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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