जीएसटी काउंसिल की हालिया बैठक में लिए गए बड़े निर्णयों का देशभर के उद्योग संगठनों ने स्वागत किया है। बैठक में कर संरचना को सरल बनाते हुए दो-दर वाले जीएसटी स्लैब को लागू करने की मंजूरी दी गई। इसके साथ ही कई अन्य सुधारों की भी घोषणा की गई, जिन्हें व्यवसायिक जगत ने सकारात्मक कदम करार दिया है।
उद्योग मंडलों का कहना है कि लंबे समय से जीएसटी प्रणाली को सरल बनाने की मांग उठाई जा रही थी। अब 5% और 18% के दो प्रमुख स्लैब रखने से उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों को फायदा होगा। कई आवश्यक उपभोक्ता वस्तुएँ, जैसे साबुन, शैम्पू, टूथब्रश और साइकिल, 5% स्लैब में शामिल की गई हैं, जिससे इनकी कीमतें घटने की संभावना है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने कहा कि यह कदम "टैक्स अनुपालन को आसान" बनाएगा और उपभोक्ताओं पर कर का बोझ कम करेगा। वहीं, कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने इसे "उपभोक्ता हितैषी और उद्योग समर्थक" सुधार बताया।
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बैठक में छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को और सरल बनाने के उपाय भी मंजूर किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे छोटे व्यवसायों को राहत मिलेगी और औपचारिक अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी बढ़ेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य "आम आदमी को राहत देना और व्यवसायिक माहौल को बेहतर बनाना" है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जीएसटी परिषद आगे भी समय-समय पर आवश्यक सुधार करती रहेगी।
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