केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे शुरू हुई। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) राज्य में वापसी करता हुआ नजर आ रहा है। मतगणना शुरू होने के करीब दो घंटे बाद तक के आंकड़ों से संकेत मिलते हैं कि यूडीएफ बढ़त बनाए हुए है और कई अहम निकायों में निर्णायक स्थिति में पहुंच गया है।
राज्य में दो चरणों में 9 और 11 दिसंबर को हुए इन चुनावों में कुल 2.86 करोड़ मतदाताओं में से 2.10 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भारी मतदान के बाद अब नतीजों पर सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं।
प्रारंभिक रुझानों के अनुसार, केरल की छह नगर निगमों में से चार में यूडीएफ आगे चल रहा है। वहीं, राज्य की 14 जिला पंचायतों में से आठ में कांग्रेस-नेतृत्व वाला गठबंधन बढ़त बनाए हुए है। 87 नगरपालिकाओं में से 49 में यूडीएफ आगे है, जबकि सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) 30 नगरपालिकाओं में आगे चल रहा है।
और पढ़ें: भारत का नया ज़ोरावर टैंक पर्वतीय युद्ध क्षमता को देगा मजबूती, बनेगा फोर्स मल्टीप्लायर
जिला पंचायत स्तर पर कांग्रेस आठ सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाला एलडीएफ केवल छह जिला पंचायतों में आगे है। यह स्थिति 2020 के स्थानीय निकाय चुनावों से अलग है, जब एलडीएफ ने 14 में से 11 जिला निकायों में जीत दर्ज की थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यही रुझान अंतिम नतीजों में बदलते हैं, तो यह केरल की राजनीति में एक अहम बदलाव का संकेत होगा। यूडीएफ के लिए यह परिणाम संगठनात्मक मजबूती और जनता के बीच बढ़ते समर्थन का संकेत माना जा रहा है, जबकि एलडीएफ के लिए यह आत्ममंथन का अवसर हो सकता है। अंतिम नतीजों के साथ ही राज्य की सियासत की दिशा और तस्वीर और साफ होने की उम्मीद है।
और पढ़ें: एआई नियमों पर ट्रंप का बड़ा कदम: राज्यों की शक्तियां सीमित करने वाले आदेश पर विवाद