बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी पाते हुए मृत्युदंड सुनाया गया। इस फैसले के कुछ ही घंटों बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा कि वह इस निर्णय को संज्ञान में लेता है और पड़ोसी राष्ट्र में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित पक्षों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ा रहेगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत बांग्लादेश की जनता के सर्वोत्तम हितों के प्रति प्रतिबद्ध है और क्षेत्र में स्थिरता को प्राथमिकता देता है। शेख हसीना, जो अवामी लीग की वरिष्ठ नेता हैं, पिछले वर्ष पाँच अगस्त को बड़े स्तर पर हुए प्रदर्शनों के बाद भारत आ गई थीं और तभी से यहीं रह रही हैं। बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है, और यह फैसला देश में पहले से मौजूद राजनीतिक हलचल को और तेज कर सकता है।
विशेष न्यायाधिकरण द्वारा सुनाया गया यह निर्णय बांग्लादेश की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। भारत ने यह भी संकेत दिया कि वह स्थिति पर करीबी नजर रखेगा और भविष्य के किसी भी संवाद में आम जनता की सुरक्षा और हितों को प्राथमिकता देगा।
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भारत की प्रतिक्रिया से साफ है कि वह क्षेत्रीय स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूती देने की दिशा में संतुलित और सावधान रुख अपनाना चाहता है।
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