पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर 2025) को खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की याचिका को “व्यावहारिक रूप से निष्फल” घोषित कर दिया। सांसद अमृतपाल सिंह इस याचिका में शीतकालीन संसद सत्र में भाग लेने के लिए अस्थायी पैरोल की मांग कर रहे थे। अदालत ने कहा कि यह सत्र 18 दिसंबर को समाप्त हो चुका है, इसलिए अब उनकी पैरोल मांग व्यावहारिक रूप से निष्फल हो गई है।
सुनवाई की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सवाल उठाया कि इतनी देर से अगर सांसद के पक्ष में कोई आदेश पारित किया भी जाए, तो क्या वह वास्तव में लागू हो पाएगा। अदालत ने यह भी कहा कि अमृतपाल सिंह को असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल से दिल्ली लाने में, हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी, कम से कम 10 घंटे का समय लगेगा। ऐसे में याचिका पर राहत देना संभव नहीं है।
हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह भविष्य में किसी भी लोकसभा सत्र के लिए पैरोल के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि आने वाले किसी भी सत्र में सांसद होने के नाते उन्हें पैरोल मिलने की संभावना बनी रहेगी।
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अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद हैं। सांसद चुने जाने के बाद यह पहला अवसर था जब उन्होंने संसद सत्र में भाग लेने के लिए अदालत से पैरोल मांगी थी, लेकिन समय और परिस्थितियों को देखते हुए अदालत ने उनकी याचिका को निरर्थक करार दिया।
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