आयकर विभाग ने जेन स्ट्रीट (Jane Street) के खिलाफ चल रहे मामले में एक विशेष सर्वे ऑपरेशन शुरू किया है। यह कार्रवाई भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा कंपनी पर हाल ही में की गई कार्रवाई के बाद की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग का यह सर्वे मुख्य रूप से एक "वेरिफिकेशन" (सत्यापन) प्रक्रिया है, जिसके तहत जेन स्ट्रीट के वित्तीय लेन-देन, कर अनुपालन और निवेश गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है। विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कंपनी ने भारत में लागू कर कानूनों का सही तरीके से पालन किया है या नहीं।
हाल ही में सेबी ने जेन स्ट्रीट पर नियामकीय मानकों के उल्लंघन के आरोपों के चलते कार्रवाई की थी। इस पृष्ठभूमि में आयकर विभाग ने अपनी जांच को तेज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि यह सर्वे केवल प्रारंभिक सत्यापन के लिए है और अभी तक कोई औपचारिक रेड (छापेमारी) नहीं की गई है।
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विभाग ने कंपनी के कार्यालयों से कई वित्तीय दस्तावेज और लेन-देन से संबंधित रिकॉर्ड जुटाए हैं। इसके अलावा, कंपनी के कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ की गई है।
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि सेबी और आयकर विभाग की संयुक्त कार्रवाइयां विदेशी निवेश कंपनियों पर नियामकीय निगरानी को मजबूत बनाने का संकेत देती हैं।
आयकर विभाग ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल सर्वे ऑपरेशन जारी है और विभाग सभी तथ्यों की पुष्टि कर रहा है।
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